3 Short Hindi Stories with Moral Values

आज 3 Short Hindi Stories with Moral Values Hindi-Quotes.in में पोस्ट कर रहे है.
ये लघु कहानिया अच्छी सीख देती है, Hindi Short Stories इस प्रकार है :

Short Hindi Stories with Moral Values / अच्छी शिक्षा देने वाली 3 हिंदी कहानियां

Hindi Kahaniya with Moral1- समय का महत्व (Importance of Time)
2- इंसान की सरलता (Simplicity of Person)

Short Story in Hindi 1- समय का महत्व

English के प्रसिद्ध author George Bernard Shaw का शुरुवाती जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा था. इतनी सारी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और धीरे धीरे success की बुलंदियों की ओर बढ़ते चले गए . एक बार उन्हें एक कॉलेज के प्रोग्राम में cheif guest के तौर पर आमंत्रित किया गया बर्नार्ड शा ने सहजता से आमंत्रण स्वीकार कर लिया और प्रोग्राम के दिन कॉलेज पहुँच गए.
उनको देखकर college students के उत्साह का कोई ठिकाना न था और उनकी एक झलक पाने को सारे स्टूडेंट्स लालायित थे.

जब प्रोग्राम समाप्त हुवा तो उनके ऑटोग्राफ लेने वालों की जबरदस्त भीड़ थी. एक लड़के ने अपनी ऑटोग्राफ बुक उन्हें देते हुए कहा – मुझे literature में बहुत interest है और मैंने आपकी कई books पढ़ी है. मै अब तक अपनी कोई पहचान नहीं बना पाया हु लेकिन अपनी एक पहचान बनाना अवश्य चाहता हूँ, इसके लिए आप कोई सन्देश देकर ऑटोग्राफ दे दीजिये तो बहुत कृपा होगी.

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बर्नार्ड शा उस लड़के की बात सुनकर धीरे से मुस्कुराये फिर उनके हाथ से autograph book लेकर एक सन्देश (quote) लिखा और अपने signature कर दिए. जब लड़के ने वह बुक खोलकर देखि तो सन्देश था की – ‘ अपना समय दुसरो के ऑटोग्राफ इकठ्ठा करने में न बर्बाद करे बल्कि खुद को इस योग्य बनाये की लोग आपके ऑटोग्राफ लेने के लिए लालायित रहे.

यह सन्देश पढ़कर उस लड़के ने उनका अभिवंदन किया और बोला – सर आपका यह सन्देश lifetimeयाद रखूँगा और अपनी एक अलग पहचान बनाकर दिखाऊंगा. George Bernard Shaw ने उसकी पीठ थपथपाई और आगे बढ़ गए.

कहानी से सीख Moral of Hindi story :

समय का मूल्य पहचाने और जीवन में कुछ बनकर दिखाए जिससे आपके sign एक ऑटोग्राफ बन सके.

Motivational Hindi Kahaniya

Short Hindi Story 2- इंसान की सरलता

प्रसिद्ध वैज्ञानिक मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी (मेरी क्युरी)को physics & chemistry  में संयुक्त रूप से नोबल पुरुस्कार मिला था. पुरुस्कार मिलने के बाद वो पूरी दुनिया में प्रसिद्द हो गयी थी. हर तरह के लोग उनसे मिलने और उनके बारे में जानने के उत्सुक थे लेकिन मेरी क्युरी को इसमें कोई खास दिल्चस्बी नहीं थी.

वह अपनी उपलब्धियों और प्रसिद्धी से बेखबर रहती थी उनके रहन सहन और स्वाभाव में कोई परिवर्तना नहीं था. वो बस अपनी research & स्टडी  में busy रहती थी.

एक बार एक बहुत ही popular newpaper से एक पत्रकार उनका interview लेने उनके घर पंहुचा, बाहर बैठी मेरी क्युरी को उसने नौकरानी समझा और पूंछा – क्या आप इस घर की नौकरानी है?

इसपर मैडम क्युरी ने कहा – हाँ  बताइए क्या बात है.

फिर पत्रकार ने कहा – क्या घर की मालकिन घर में है?

मैडम ने कहा – नहीं वह बहार गई है?

फिर पत्रकार ने पूंछा – क्या वह जल्दी ही लौट आएँगी?

इस पर मेरी क्युरी ने कहा- वह जल्दी नहीं लौटेंगी.

यह सुनकर वह पत्रकार सोच में पड़ गया और बोला – क्या वह आपसे कुछ कहकर गई है?

मैडम ने कुछ देर सोचते हुए कहा – हाँ उन्होंने कहा है की अगर कोई आये तो बता देना की लोगो को उनके पहनावे से नहीं उनके विचारों और काम से पहचानना चाहिए.

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यह सुनकर पत्रकार को कुछ अजीब लगा उसे समझ में आगया की उससे भूल हो गयी है वह बहुत शर्मिंदा हुवा उसने क्युरी से माफ़ी मांगी. मैडम ने उसको माफ़ भी कर दिया . इसके बात वह पत्रकार जिससे भी मिलता मैडम की सरलता और उदारता की प्रशंसा जरूर करता था.

कहानी से सीख  Hindi Kahani with Moral Values:
कभी भी किसी को  सिर्फ उसके पहनावे से उसके बारे में राय न बनाये. बड़ी सफलता के लिए विनम्र और सरल होना बहुत जरूरी है.

Makan ka Ghamand बड़े मकान का घमंड

एक आदमी को अपने मकान का बड़ा घमंड था वह हमेशा लोगो से कहता रहता था की मेरा मकान बहुत आलिशान है मैंने उसे कई लाख रूपये खर्च करके बनाया है. उसमे मेरा कीमती सामान, फर्नीचर, बर्तन आदि सब रखा हुवा है. इसका हिस्सा मै अपने भाई को भी नहीं दूंगा क्योकि इसे मैंने पैसे खर्च करके बनाया है, हर साल इसकी पुताई मरम्मत में पैसा मई खर्च करता हूँ. इसमें मै किसी को ठहरने नहीं दूंगा. यह मुझे बहुत प्यारा है और इस्पे मेरा अधिकार है.

एक रात को वह अपनी बालकनी में खड़ा होकर बाहर की दुनिया देख रहा था. उसके घर के पास एक खंडहर था. उससे बहुत हलकी आवाज़ आ रही थी लेकिन आवाज़ सुरीली थी तो वह व्यक्ति वही खड़ा होइकर ध्यानपूर्वक बाते सुनने लगा.

खंडहर कह रहा था – मुझे देखो मै भी किसी दिन तेरे महल के तरह ही ऊँचा था, मेरी सजावट देखकर लोगो की आँखे चका चौंध हो जाती थी. मेरे आँगन में बड़ी चहल पहल रहती थी. बहुत ही उल्लास और आनंद देखा है मैंने. लेकिन जब से मेरा मालिक मर गया तब से किसी ने मेरी ओर ध्यान नहीं दिया लापरवाही ने मुझे इस हाल में पंहुचा दिया है.

मृत्यु का नाम सुनते ही उस आदमी की आत्मा काँप गई. वह सोचने लगा की – अब तक इस घर को कितने लोग अपना कह चुके है. जिस नीव पर वह खड़ा है. उस पर कितने माकन खड़े हो चुके होंगे? आगे अ जाने कौन इसमें रहेगा या यह भी खँडहर हो जायेगा.

उस दिन के बाद से उसने अपने मकान का अहंकार छोड़ दिया. अपने घर वालों को भी हिस्सा दे दिया. उसने समझ लिया की मकान कुछ दिन आराम के लिए मिला है आगे की यात्रा में पता नहीं कौन मकान मिले कहा रहना पड़े.

Short Story with Moral/ कहानी से सीख Short Hindi Stories with moral values: व्यक्ति को किसी चीज़ का अहंकार या घमंड नहीं करना चाहिए.

 

दोस्तों आपको ये दोनों Short Hindi Stories with Moral Values / अच्छी शिक्षा देने वाली हिंदी कहानिया कैसी लगी हमें अपने कमेंट द्वारा ये बताइए. आप इन Hindi Kahaniya को सोशल मीडिया में शेयर करे जिससे और लोग भी पढ़े और सीख ले. आपका थोडा दिया गया समय हमारे लिए बहुमूल्य है.-

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